३जनवरी 2024एजुकेशन Awareness, सावित्रीबाई फुले जयंती - न्याय का ज्ञान

Legal & Social Awareness

Breaking

Home Top Ad

Legal Awarness Talk by Adv. Ankita R Jaiswal fb page, nyaykagyan.Blogspot.com

Post Top Ad

Responsive Ads Here

कुल पेज दृश्य

शनिवार, 2 जनवरी 2021

३जनवरी 2024एजुकेशन Awareness, सावित्रीबाई फुले जयंती

एडवोकेट अंकिता रा जायसवाल
 सिविल &क्रिमिनल कोर्ट जिल्हा व सत्र न्यायालय, वरुड, अमरावती, 
सावित्री बाई फुले जयंती/ महिला दिवस
हर साल ३जनवरी को भारत कि पहली महिला अध्यापक, समाज सुधारक, कवित्री सावित्रीबाई फुले जयंती को बड़े ही आदर और सम्मान के साथ मनाया जाता है आज 3 जनवरी 2024 को हम 193वी जयंती मनाने जा रहे हैं।
3 जनवरी ये दिन सावित्री बाई फुले जयंती के साथ ही महिला दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।
सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले (3 जनवरी 1831 – 10 मार्च 1897) भारत की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारिका एवं मराठी कवियत्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। वे प्रथम महिला शिक्षिका थीं। उन्हें आधुनिक मराठी काव्य का अग्रदूत माना जाता है। 1852 में उन्होंने बालिकाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की। 
सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थीं। महात्मा ज्योतिबा को महाराष्ट्र और भारत में सामाजिक सुधार आंदोलन में एक सबसे महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के रूप में माना जाता है। उनको महिलाओं और दलित जातियों को शिक्षित करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है। ज्योतिराव, जो बाद में ज्योतिबा के नाम से जाने गए सावित्रीबाई के संरक्षक, गुरु और समर्थक थे। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जीया जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह करवाना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। वे एक कवियत्री भी थीं उन्हें मराठी की आदिकवियत्री के रूप में भी जाना जाता था।
सावित्रीबाई पूरे देश की महानायिका हैं। हर बिरादरी और धर्म के लिये उन्होंने काम किया। जब सावित्रीबाई कन्याओं को पढ़ाने के लिए जाती थीं तो रास्ते में लोग उन पर गंदगी, कीचड़, गोबर, विष्ठा तक फैंका करते थे। सावित्रीबाई एक साड़ी अपने थैले में लेकर चलती थीं और स्कूल पहुँच कर गंदी कर दी गई साड़ी बदल लेती थीं। अपने पथ पर चलते रहने की प्रेरणा बहुत अच्छे से देती हैं।
आशा करती हूं आपको ये मेरा छोटा सा लेख पसंद आया। सावित्री बाई फुले जी को कोटि कोटि नमन करती हु। मुजसे जुड़ने के लिए मेरे फेसबुक पेज लीगल अवारनेस टॉक बाय एडवोकेट अंकिता रा जायसवाल को विजिट करे।

1 टिप्पणी:

Post Bottom Ad

Responsive Ads Here

Pages