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रविवार, 17 जनवरी 2021

क्या बैंक अकाउंट से हुई है धोखाधड़ी तो सारे पैसे मिल जाएंगे वापस? जानिए पूरे लेख में ...

रिजर्व बैंक का एक बहुत महत्वपूर्ण परिपत्र 
बैंक अकाउंट से हुई है धोखाधड़ी तो सारे पैसे मिल जाएंगे वापस! 
जानिए एडवोकेट अंकिता रा जायसवाल
सिविल &क्रिमिनल कोर्ट वरुड, जी के साथ सम्पूर्ण लेख में.....
दोस्तों आए दिन बहुत सारे केसेस ऑनलाइन फ्रॉड के हम सुन रहे हैं, जैसे कि आप सभी को मेरे लेख में हमेशा बताती हूं साइबर क्राइम क्या है ?उसके बचने के क्या उपाय है? ऑनलाइन फ्रॉड क्या है? और भी मेरे लेख है मैट्रिमोनियल फ्रॉड के ऊपर तो आज बैंक फ्रॉड को लेकर आपको कुछ नया बताने जा रही हूं संपूर्ण लेख आप सभी अच्छे से पढ़िएगा ताकि हमेशा की तरह इस बार भी आप जागरूक रह सके।

साइबर ठगो ने अगर आपके बैंक खाते से कोई गलत तरीके से रकम निकाल लेता है और आप तीन दिन के अंदर इस मामले के बारे में बैंक को शिकायत करते हैं तो आपको कोई भी नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा.
यदि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से किसी या किसी की गलती के कारण पैसे की धोखाधड़ी होती है, तो बैंक 3 दिनों के भीतर बैंक के पास शिकायत दर्ज करने के बाद 10 दिनों के भीतर बिना कोई शर्त के बैंक ने पैसे लौटाने चाहिए।  पुलिस की शिकायतें, बीमा दावे सभी बैंक द्वारा किए जाने हैं, ग्राहक कि कोई लायबिलिटी नहीं होंगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने इसका तरीका बताया है. रिजर्व बैंक का कहना है कि अगर कोई भी अनधिकृत लेन-देन होता है तो उसके बाद भी आपका पूरा पैसा वापस मिल सकता है. इसके लिए सतर्कता जरूरी है. RBI कहता है कि ऐसे किसी भी ट्रांजेक्शन की जानकारी तुरंत देकर आप नुकसान से बच सकते हैं.

कैसे मिलेंगे पूरे पैसे वापस?

ज्यादातर लोगों के मन में अब सवाल उठता है कि अगर ऐसा कोई ट्रांजेक्शन हुआ है तो पैसा कैसे वापस मिलेगा? साथ ही बैंक खाते से पैसे निकलने पर शिकायत कर भी दी तो बैंक पैसे कहां से लौटाएगा. दरअसल, बैंकों की तरफ से ऐसे साइबर फ्रॉड के मद्देनजर इंश्योरेंस पॉलिसी ली जाती है. बैंक आपके साथ हुए फ्रॉड की सारी जानकारी सीधे इंश्योरेंस कंपनी को बताएगा और वहां से इंश्योरेंस के पैसे लेकर आपके नुकसान की भरपाई करेगा. साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस कंपनियां भी लोगों को सीधे कवरेज दे रही हैं.

फ्रॉड होने के 3 दिन में करें शिकायत

अगर आपके बैंक खाते से कोई गलत तरीके से रकम निकाल लेता है और आप तीन दिन के अंदर इस मामले के बारे में बैंक को शिकायत करते हैं तो आपको यह नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा. RBI ने यह भी कहा है कि निर्धारित समय में बैंक को सूचना दे देने पर ग्राहक के खाते से धोखाधड़ी कर निकाली गई रकम 10 दिन के अंदर उसके बैंक खाते में वापस आ जाएगी. आरबीआई ने यह भी कहा है कि अगर बैंक खाते से हुई धोखाधड़ी की रिपोर्ट 4-7 दिन बाद की जाती है, तो ग्राहक को 25,000 रुपये तक का नुकसान खुद उठाना होगा.

साइबर फ्रॉड के लिए करा सकते हैं इंश्योरेंस
अगर आप चाहें तो साइबर फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस भी करा सकते हैं. बजाज एलियांज और HDFC अर्गो जैसी कंपनियां ऐसे इंश्योरेंस मुहैया कराती हैं. इसमें अगर आपके खाते में कोई साइबर फ्रॉड होता है तो आपको आपके पैसे वापस मिल जाएंगे. ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के चलते साइबर फ्रॉड से बचने के इंश्योरेंस का स्कोप भी काफी बढ़ गया है.  रिजर्व बैंक ने ग्राहक सुरक्षा, अनाधिकृत इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग लेन-देन में ग्राहकों की सीमित देनदारी (कस्टमर प्रोटेक्शन लिमिटिंग लाइबिलिटी ऑफ कस्टमर्स इन अनऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग ट्रांजैक्शन) पर नए दिशानिर्देश जारी किए हुए हैं.

RBI ने बैंक कस्टमर्स को चेताया 

आरबीआई के अनुसार अगर कोई ग्राहक अपनी लापरवाही से नुकसान उठता है (जैसे किसी और को अपने ऑनलाइन बैंकिंग के पासवार्ड्स शेयर करना) और उस अनाधिकृत लेन देन के बारे में जब-तक ग्राहक रिपोर्ट न करे तो उस नुकसान का जिम्मेदार खुद ग्राहक होगा। वैसे ही अगर किसी ग्राहक को किसी थर्ड पार्टी के द्वारा नुकसान हुआ है और ग्राहक एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट न करे तो उस धोखाधड़ी का नुकसान भी ग्राहक कोई ही भुगतना पड़ेगा।

ऑनलाइन फ्रॉड होने के तुरंत बाद आपको कोनसे कदम उठाने चाहिए आयिये जानते है, क्या करना चाहिए?
१)जब आपको पता चले कि आपके बैंक अकाउंट (Bank Account ) संबंधी जानकारी का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है तो इसकी सूचना पुलिस को दर्ज करानी चाहिए.
२)अपने बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी (Credit Card Companies) को कॉल कर अकाउंट या कार्ड ब्लॉक करने को बोलें.
३)बैंक या क्रेडिट कार्ड कंपनी को आपके साथ हुए फ्रॉड के बारे में जानकारी दें. आप उनसे फ्रॉड अलर्ट सेटअप करने के बारे रिक्वेस्ट कर सकते हैं.
४)साथ ही, कोशिश करें कि किसी डिजिटल प्वाइंट से अपना पासवर्ड बदल दें, ताकि निकट भविष्य में गलत बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड का गलत इस्तेमाल न किया जा सके.
५)फ्रॉड को लेकर शिकायत के दौरान आपके पास पिछले छह माह का स्टेटमेंट, फ्रॉड से संबंधित एसएमएस या ई—मेल की कॉपी भी होना चाहिए.
६)रिजर्व बैंक ​के नियमों के मुताबिक, स्कैमिंग या फिशिंग के जरिए होने वाले फ्रॉड के मामले के बारे में बैंक को तीन दिन के अंदर खबर देना चाहिए. ऐसे करने पर आपका कोई नुकसान नहीं होगा. अगर फ्रॉड होने के 7 दिनों के अंदर आप ​सूचित करते हैं तो भी इस मामले में आपकी देनदारी ​सीमित रहेगी.
७)RBI के नियमों के मुताबिक, अगर आपने बैंक को इस तरह के किसी फ्रॉड की जानकारी समय से दे दी तो बैंक को 10 दिन के अंदर आपकी रकम आपको बैंक अकाउंट में डाल देनी चाहिए. इस मामले से जुड़े विवाद को निपटारा भी 90 दिनों में हो जाना चाहिए.
आशा करती हूं आप सब तक यह जानकारी पहुंचाने में मैं सक्षम रही, आप सब को मेरा लेख अच्छा लगा तो प्लीज कमेंट में बताएं साथ ही यह लेख सभी से शेयर करें ताकि सभी लोग जागरूक हो सके मुझसे कांटेक्ट करने के लिए मेरा फेसबुक पेज लीगल अवेयरनेस टॉक बाय एडवोकेट अंकिता रा जयसवाल को विजिट करें।

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