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शनिवार, 20 फ़रवरी 2021

साइबर अपराध क्या है? और साइबर अपराध के प्रकार....जानिए पूरे लेख में..

साइबर अपराध क्या है? और साइबर अपराध के प्रकार....

Adv. Ankita R. Jaiswal 
civil and criminal court Warud. ©️@®️
इंटरनेट यूजर्स के लिए साइबर अपराध बहुत ही जाना सुना है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि साइबर अपराध क्या है और इसके कौन से प्रकार है?            
मुझे ऐसा लगता है, जब इंटरनेट को डेवलप किया गया तब शायद ही इसके निर्माण कर्ताओं को यह पता होगा कि इस इंटरनेट का गलत इस्तेमाल भी भविष्य में किया जा सकता है, 'इंटरनेट या साइबर स्पेस में जो भी क्राइम होते हैं उन्हें साइबर क्राइम कहां जाता है,' और दिन-ब-दिन साइबर क्राइम बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में प्रत्येक इंटरनेट यूजर्स को इन साइबर क्राइम्स के विषय में जानकारी रखना अति आवश्यक हो चुका है क्योंकि मेरा ऐसा मानना है जानकारी में ही समझदारी है इसलिए जागरूकता की भी बहुत जरूरत हो चुकी है,      
तो जानते हैं साइबर क्राइम क्या होता है?                              
साइबर क्राइम एक क्राइम का प्रकार है, साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिसमें कंप्यूटर और नेटवर्क शामिल है,जब कोई क्राइम इंटरनेट के ऊपर होता है या इंटरनेट के जरिए होता है उसे साइबरक्राइम कहा जाता है, किसी भी कंप्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना, या कंप्यूटर से कोई अपराध करना कंप्यूटर अपराध कहलाता है जिसे साइबर अपराध भी कहा जाता है, जैसे कि ईमेल स्पेम, फिशिंग, piracy, data theft, हैकिंग, इत्यादि.      
 Cyber अपराध के प्रकार कौन से कौन से हैं?                                
पहला प्रकार है हैकिंग - इस प्रकार की अपराध में हैकर्स रिस्ट्रिक्टेड एरिया में घुसकर दूसरों के पर्सनल और सेंसिटिव इंफॉर्मेशन को उनके बिना अनुमति के ही एक्सेस करते हैं, यह रिस्ट्रिक्टेड एरिया किसी का पर्सनल कंप्यूटर हो सकता या फिर ऑनलाइन कोई भी अकाउंट्स. हैकिंग को अगर सीधे समझे तो यह एक टेक्निकल थ्रेट है, जब कोई व्यक्ति किसी उद्देश्य के लिए आपके सिस्टम फंक्शन जैसे कि कंप्यूटर नेटवर्क सर्वर इत्यादि में कमजोरी को ढूंढो या फिर सिस्टम को अपने अनुसार मॉडिफाई करके डाटा को चुरा लेता है या नष्ट कर देता है या फिर उसे बदल देता है यह प्रक्रिया को हैकिंग कहते हैं, जो भी व्यक्ति इस प्रक्रिया को अंजाम देता है उस उस व्यक्ति को हैकर कहते हैं, hacking एक नकारात्मक शब्द है और किसी गलत काम को ही दर्शाता है, क्योंकि ज्यादातर है किंग गलत उद्देश्य के लिए ही की जाती है, जैसे कि हर उद्देश्य के दो पहलू होते हैं, उसी तरह हैकिंग का भी दो पहलू है, 
पहला है Ethical hacking, ethical hacking वह हैकिंग होती है जो किसी सही उद्देश्य के लिए की जाती है इस तरह के हैकिंग को व्हाइट hat से भी जाना जाता है. Ethical hacking में किसी भी प्रकार का डाटा चुराया नहीं जाता ना नष्ट किया जाता है और ना ही बदला जा सकता है, ethical hacking पूरी तरह कानूनी होती है और लोगों को संभावित खतरों से बचाने के लिए की जाती है,।                                          
 हैकिंग का दूसरा पहलू है मालीशियस हैकिंग, malicious hacking गलत उद्देश्य के लिए की जाती है और इसका तरीका गैरकानूनी होता है जिसको maliciousहैकिंग बोलते हैं इस प्रकार के हैकिंग में आपका डाटा चुराया जा सकता है और उसे नष्ट भी किया जा सकता है या उसे इस्तेमाल भी किया जा सकता गलत उद्देश्य के लिए, उदाहरण जैसे कि, आपका ईमेल अकाउंट को हैक करना या फिर फेसबुक अकाउंट को हैक करना, क्या बैंक अकाउंट को हैक करके पैसे निकलवाना, इत्यादि काम मैसेज हैकिंग में किए जाते हैं, 

साइबर क्राइम का दूसरा प्रकार है , cyber stalking यह भी एक प्रकार का साइबर क्राइम होता है जिसमें कि विक्टिम को ऑनलाइन harrash किया जाता है किसी स्टोकर के द्वारा सोशल मीडिया वेबसाइट पर ज्यादा देखने को मिलता है जिसमें स्टॉकर्स ऑनलाइन मैसेजेस और ईमेल के द्वारा विक्टिम्स को परेशान करते हैं stalkers अक्सर छोटे बच्चों और महिलाओं को अपना शिकार बनाते हैं जिंदगी इंटर नेट कि ज्यादा समझ नहीं होती और यह उनसे उनका फिजिकल ऐड्रेस फोटोस पर्सनल इंफॉर्मेशन प्राप्त कर बाद में उन्हें ब्लैकमेल करते हैं और विक्टिम्स को बहुत तकलीफ देते हैं इसलिए सोशल प्लेटफॉर्म पर अवेयर होना बहुत जरूरी है.  
   
तीसरा प्रकार है आईडेंटिटी थेफ्ट यह क्राइम आज के टाइम में सबसे ज्यादा देखा गया है इस तरह के अपराध में क्रिमिनल उन लोगों को टारगेट करते हैं जो इंटरनेट का इस्तेमाल अपने कैश ट्रांजैक्शंस और बैंकिंग सर्विस इसके लिए करते हैं इस प्रकार के अपराध में क्रिमिनल किसी पर्सन का डाटा थेफ्ट कर कर उनका बैंक अकाउंट नंबर क्रेडिट कार्ड डेबिट कार्ड इंटरनेट बैंकिंग डिटेल्स पर्सनल इंफॉर्मेशन इत्यादि सेंसिटिव इंफॉर्मेशन इसी प्रकार से इलीगली एक्सेस करके फिर उनकी डिटेल का इस्तेमाल कर विक्टिम का आईडेंटिटी लेकर ऑनलाइन चीजें परचेज करते हैं ऐसे में विक्टिम का बड़ा फाइनेंशियल लॉस तो होता ही है और दूसरा बहुत प्रताड़ित भी होना पड़ता है,

चौथा प्रकार हैं मालीशियस सॉफ्टवेयर हम सबको पता ही है ऐसे बहुत से इंटरनेट based सॉफ्टवेयर ya प्रोग्राम हैं जोकि किसी भी नेटवर्क को खराब कर सकता है ऐसे सॉफ्टवेयर के यदि किसी नेटवर्क में एक बार इंस्टॉल कर दिया जाए तब भी साइबरक्रिमिनल्स बड़ी आसानी से उस नेटवर्क में मौजूद सभी इंफॉर्मेशन को एक्सेस कर सकते हैं साथ में उस डाटा को भी damage कर सकते हैं. 

पांचवा प्रकार है चाइल्ड पॉर्नोग्राफी एंड अब्यूज इस प्रकार के अपराध में ज्यादातर साइबरक्रिमिनल्स चाट रूम का इस्तेमाल करते हैं और खुद के आईडेंटिक को छुपाकर minors के साथ बातचीत करते हैं छोटे बच्चों को या minors को इतनी ज्यादा समझ नहीं होती जिसके चलते वह इन बच्चों को अब्यूज करते हैं इस तरह के क्राइम में छोटे बच्चों को क्रिमिनल्स डराते धमकाते हैं साथ में पोर्नोग्राफी के लिए बाध्य करते हैं ऐसे धमकी से डरकर बच्चे अपने फैमिली से कुछ शेयर नहीं कर पाते और इस तरह उसका शिकार बनते हैं अन्य देशों में गवर्नमेंट ने कुछ कानून भी बनाए हैं उसी तरह इंडिया में भी चाइल्ड से रिलेटेड भी कानून बनाए गए हैं, 

छठवां प्रकार है डाटा थेफ्ट or डाटा चोरी करना कंप्यूटर नेटवर्क अधिकृत व्यक्ति के अनुमति बिना उसके कंप्यूटर के डाटा को कॉपी करना शेयर करना या मॉडिफाई करना डाटा थेफ्ट के अपराध में आता है वर्तमान में बहुत से छोटे स्टोरेज जैसे की पेन ड्राइव मेमोरी कार्ड आसानी से उपलब्ध है इन डिवाइस की सहायता से डाटा चुरा ना बहुत आसान हो गया है इसीलिए अगर पेनड्राइव हो या मेमोरी कार्ड हमें अपने पर्सनल मोबाइल या कंप्यूटर को लगाना पड़े तो एंटीवायरस स्कैन करके प्रॉपर केयर लेकर ही यूज करना चाहिए,

सातवा प्रकार है spreading virus or worms जिसको कंप्यूटर वायरस को फैलाना कहां जाता है इस तरह के अपराध में कोई भी प्रोग्राम जो अनऑथराइज्ड हो किसी कंप्यूटर या कंप्यूटर नेटवर्क की अनुमति के बिना कंप्यूटर में प्रवेश कर लेते हैं उन्हें कंप्यूटर वायरस की श्रेणी में डाला जाता है साधारण का देखा गया वायरस या worm प्रोग्राम का काम किसी अन्य के कंप्यूटर के डाटा को खराब करने के लिए ही इस्तेमाल होता है उदाहरण के लिए किसी विमान सेवा के कंप्यूटर में वायरस ने डांटा को बदल दिया तब कोई प्लेन दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है इसके लिए आईटी एक्ट 2008 के सेक्शन में सजा का प्रावधान है,

आठवां प्रकार है वेब हाईजैकिंग यह एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी व्यक्ति की वेबसाइट पर इल्लीगल रूप से सशक्त नियंत्रण कर लिया जाता है इस प्रकार वेबसाइट का मालक उस वेबसाइट पर नियंत्रण एवं सेंसेटिव डाटा खो देता है 

नौवा प्रकार है software piracy यह एक ऐसा अपराध है जिसमें वास्तविक प्रोग्राम की अवैध प्रतिलिपि बनाकर जालसाजी द्वारा वितरित किया जाता है इसमें और भी अच्छा मिले हैं जिससे ट्रेडमार्क उल्लंघन ,कॉपीराइट उल्लंघन कंप्यूटर, सोर्स कोड की चोरी इत्यादि

दसवा प्रकार है fishing यह एक ऐसा अपराध है जिसमें पीड़ित को ई-मेल भेजा जाता है जो कि वह दावा करते हैं कि वह एक शापित उद्यम द्वारा भेजा गया है ताकि पीड़ित से गोपनीय जानकारी वह प्राप्त कर सकें अथवा पीड़ित के खिलाफ उन को हानि पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किया जा सके हम आए दिन देखते हैं कि हमें आप इतनी इतनी इतनी कैश जीत गए हो ऐसे फेक ईमेल चाहते हैं या फिर हमें आपको लॉटरी लग गई है ऐसे ही मेलजाते हैं इस तरीके के फेक ईमेल फिशिंग में आते हैं.
दोस्तो आपको लेख अच्छा लगे तो कॉमेंट्स में बताए और सबसे शेयर जरुर करे ताकि और भि जागरूकता होसके। मेरे फेसबुक पेज लीगल अवरेनेस टॉक बाय एडवोकेट अंकिता रा जायसवाल को विजिट जरुर करे। लीगल और सोशल अपडेट के लिए जुड़े रहे पड़ते रहे nyaykagyan.blogspot.com।
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